Skip to content
Thehindinews
Thehindinews

  • Home
  • News Article
  • Story
  • Information
  • blog
  • Life Style
Thehindinews
Thehindinews

माता लक्ष्मी और शनि देव की हुई लड़ाई, दोनों में कौन है सर्वश्रेष्ठ, जानिए यह रौचक कहानी

Hindi News, February 16, 2024February 16, 2024

नमस्कार, दोस्तों आप न्याय के देवता शनि और धन की देवी माँ लक्ष्मी से भलीभांति परिचित होंगे। आपने किसी भी पौराणिक कथाओं में इनका जिक्र अवश्य सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है, कि एक बार शनि देव और माता लक्ष्मी की लड़ाई शुरू हो गयी थी। जिसमे दोनों ही स्वयं को दूसरे से श्रेष्ठ मानने की बात कह रहे थे। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इस कहानी से अवगत करवाएंगे। जिसमे आपको जानकारी मिलेगी कि आखिर लक्ष्मी जी और शनि देव दोनों में से कौन सर्वश्रेष्ठ है। साथ ही जानेंगे कि किसने उनके इस विवाद को सुलझाया और इन्हें संतुष्ट किया। यदि आप इस कहानी में दिलचस्पी रखते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

माता लक्ष्मी और शनिदेव की लड़ाई

एक बार की बात है, जब माता लक्ष्मी और शनि देव में बहस छिड़ गयी। दोनों का कहना था कि वह एक दूसरे से सर्वश्रेष्ठ हैं। इस बहस को लेकर उन्होंने भगवन विष्णु से अपनी बात कहने का निर्णय लिया। और अपनी इस बात को लेकर वो श्री हरी के पास चल दिए। लक्ष्मी और शनिदेव को आते देख प्रभु ने उनका अभिवादन किया। इसके बाद शनि देव ने भगवन विष्णु से अपना प्रश्न पूछा कि ‘प्रभु बताईये आपको माता लक्ष्मी और मुझमे कौन सर्वश्रेष्ठ प्रतीत होता है’। यह प्रश्न सुनकर प्रभु असमंजस में पड़ गए। क्योंकि इस प्रश्न का उत्तर देना इतना भी सरल नहीं था। वे सोचते रह गए की यदि अपनी पत्नी लक्ष्मी जी को सर्वश्रेष्ठ कहता हूँ तो शनि की कुदृष्टि का भय है। और यदि शनि को श्रेष्ठ बताता हूँ तो पत्नी लक्ष्मी रुष्ट हो जाएँगी।

शनि ने अपना प्रश्न पुनः दोहराया। इतने में भगवन विष्णु को एक तरकीब सूझी। उन्होंने कहा ” हे शनि देव आप और देवी लक्ष्मी उस वृक्ष तक चलकर जाईये और उसको छू कर एक पत्ता लेकर मेरे पास आईये, शायद तब मैं आपके प्रश्न का उत्तर दे पाऊं”। यह सुनकर दोनों वृक्ष की ओर चल दिए। वृक्ष को स्पर्श किया और एक पत्ता लेकर वापस आ गए। फिर उन्होंने प्रश्न दोहराया। इसके बाद प्रभु ने कहा “हे शनिदेव आप जाते हुए बहुत सुन्दर लग रहे थे और हे देवी लक्ष्मी आप आती हुई बहुत सुन्दर लग रही थी”। इस प्रकार दोनों को अपना उत्तर मिला जिससे वह संतुष्ट हुए।

दोस्तों कहीं न कहीं ये बात सच है कि माता लक्ष्मी अर्थात सुख, समृद्धि और धन आदि सब आता हुआ ही अच्छा लगता है। और शनि देव द्वारा कर्मो के फल में दिया गया कष्ट और परेशानियां जाती हुई ही अच्छी लगती है।

माता लक्ष्मी

हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी धन, समृद्धि, सौभाग्य, और सम्पत्ति की देवी मानी जाती है। वह त्रिदेवी (त्रिमूर्ति की पत्नी) में से एक हैं और उन्हें विष्णु भगवान की पत्नी कहा जाता है। माता लक्ष्मी का नाम संस्कृत शब्द “लक्ष्मी” से आया है, जिसका अर्थ है ‘लक्ष्य’ या ‘लाभ’। दीपावली, विष्णु पूजा, वर्षा ऋतु के आरंभ पर लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जाता है। माता लक्ष्मी का धार्मिक दृष्टिकोण के साथ ही अर्थिक और सामाजिक संदर्भ में भी महत्त्व है, और उन्हें व्यापक रूप से पूजा जाता है ताकि भक्तों को आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति हो सके।

शनि देव

हिन्दू धर्म में शनि देव एक महत्त्वपूर्ण देवता है जो कर्म, उपाय, और धर्म के देवता के रूप में पूजा जाता है। वह नवग्रहों (नौ ग्रहों) में एक है और उन्हें पौराणिक कथाओं में चारित्रिक रूप से वर्णित किया गया है। शनि देव का वाहन क्रौंच (रजा कौवा) है। इनका रूप आमतौर पर एक वृद्ध आदमी के रूप में दिखाया जाता है, जिनके हाथ में कृष्णा और यमराज की मूर्ति होती है। उनकी धारा (वाहन) क्रौंच पर बैठी होती है और उन्हें कालसर्प भी कहा जाता है।शनि देव की पूजा का विशेष महत्त्व है, और उन्हें शनिवार को विशेष रूप से पूजा जाता है। उन्हें तिल, उड़द दाल, घी, और काले वस्त्रों की प्रतिष्ठा की जाती है। शनि देव की पूजा से कहा जाता है कि व्यक्ति को उनकी कड़ी परीक्षाओं से पारित करने में मदद होती है और उनका कर्मफल सुधारता है।

यह भी जानें: First TV Serial In India: भारत का पहला टीवी सीरियल कौन-सा है,जिसने विदेश में भी खूब मचाई थी हलचल

blog news Story

Post navigation

Previous post
Next post

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

The Hindi News

हिंदी में जानकारी लेने के लिए हमारी website को फॉलो करें

©2025 Thehindinews | WordPress Theme by SuperbThemes
Go to mobile version