Breast Cancer : इलाज़ में देरी से हो रही हैं अधिक मौतें, 49 प्रतिशत महिलाओं की हो जाती है मौत Hindi News, January 15, 2024January 15, 2024 Breast Cancer : बदलते दौर के इस अजीबो गरीब खान पान और मिलावटी उत्पादों के कारण मनुष्य कई रोगों का शिकार होता जा रहा है। लेकिन फिर भी न जानें क्यों हम लोग बस इन आदतों को छोड़ने की बजाय इसके और आदि होते जा रहे हैं। ये आदतें हमारे शरीर में कई बड़ी बड़ी बीमारियों को जन्म देती है। जिनमे कैंसर भी एक मुख्य बीमारी है। कैंसर से देश भर में कई मौतें हो जाती है। जिनमे से ब्रैस्ट कैंसर भी एक मुख्य कारण है। इसके इलाज़ में देरी हो जानें के कारण महिलाओं की मौत हो जाती है। ऐसे में लोगों को ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरूक करना बहुत जरुरी है। जिसके लिए प्रत्येक वर्ष के अक्टूबर माह को ब्रैस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाया है। साथ ही 13 अक्टूबर को ब्रैस्ट कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। आईये आपको बताते हैं कि क्या है ब्रैस्ट कैंसर, कैसे होता है और क्या हैं इसके लक्षण। इन सभी बातों से आपको अवगत करवाते हैं। ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer) क्या है ? जब हमारे शरीर में सामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बनती हैं और फैलना शुरू होती हैं तो यह एक बड़ी बीमारी को जन्म देती हैं। जिसे कैंसर का नाम दिया गया है। कैंसर बॉडी के जिस पार्ट में होता है उसे उसी का नाम दिया जाता है। ऐसा ही एक प्रकार महिलाओं में अधिक पाया जाता है जिसे ब्रैस्ट कैंसर का कहा जाता है। ब्रैस्ट कैंसर मुख्य रूप से महिलाओं में पाया जाता है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि यह पुरुषों में बिलकुल नहीं होता। कभी कभी इसके कुछ केस पुरुषों में भी देखने को मिलते हैं। यह एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका आसानी से पता भी नहीं चलता। और यदि इसका पता चल भी जाता है तो इसके इलाज़ में काफी समय लग जाता है। जिसके कारण कई महिलाएं इसका शिकार हो जाती हैं। ऐसे में लोगों को ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरूक करना बहुत जरुरी है। जिसके लिए प्रत्येक वर्ष के अक्टूबर माह को ब्रैस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाया है। साथ ही 13 अक्टूबर को ब्रैस्ट कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। कैसे होता है ब्रैस्ट कैंसर यूँ तो कैंसर होने का अभी कोई सटीक कारण बताया नहीं गया है। लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके कुछ कारण दिए गए हैं। जब ब्रैस्ट सेल्स म्यूटेट हो कर कैंसर सेल्स बन जाती हैं और विभाजित होती हैं। तब ब्रैस्ट कैंसर होता है। यदि आपने कभी अपनी छाती पर रेडिएशन थेरेपी ली हो। तब भी स्तन कैंसर की संभावना हो सकती है। हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी में भी इसके चान्सेस बढ़ जाते हैं। स्तन कैंसर जेनेटिक भी हो सकता है। धूम्रपान, अल्कोहल भी इसका कारण हो सकते हैं। मोटापा या आधी वजन भी ब्रैस्ट कैंसर का मुख्य कारण हो सकता है। ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण जैसा कि हमने आपको बताया कि कैंसर का पता जल्दी से नहीं चलता है। क्योंकि इसके कुछ ख़ास लक्षण नहीं होते हैं। इसके लक्षण काफी सामान्य होते हैं। इस कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं। स्तन की त्वचा के रंग में कुछ बदलाव आ जाता है। इस दौरान इसके आकार और साइज़ में बदलाव आ सकता है। ब्रैस्ट में छोटी छोटी मटर के दाने जितनी गुठलियां बन जाती हैं। स्तन में बानी गुठलियों में दर्द होता। निप्पल से खून आना या बिना वजह कोई तरल पदार्थ आना।पहले स्तन कैंसर 50 साल या इससे अधिक वर्ष की महिलाओं में देखने को मिलता था। लेकिन अब यह 20 से 40 वर्ष की लड़कियों में भी देखा गया है। इलाज़ में देरी के कारण हो जाती है मौत कैंसर के लक्षण सामान्य ही होते हैं जिससे कि इसका जल्दी से पता नहीं चलता है। पता चलने और जांच करने के बाद इसके इलाज़ में लगभग 130 दिनों का समय लग जाता है। इतने दिनों में अधिकतर पीड़ितों की मौत हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित एक बैठक हुई जिसमे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व कई एशियाई देशों के डाक्टर शामिल थे। इस बैठक में शामिल एम्स के कैंसर सेंटर के रेडिएशन आंकालोजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॅा.अभिषेक शंकर ने जानकारी दी कि WHO ने स्तन कैंसर के कारण होने वाली मौतों को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल की है। इसके तहत वैश्विक स्तन कैंसर पहल (जीबीसीआइ) जारी की थी। जिसमे स्तन कैंसर की जल्दी पहचान और इसके इलाज़ को शामिल किया गया। blog Life Style News Article