क्या आज भी जिन्दा है रावण की बहन शूर्पणखा, आखिर कैसे बार बार दे रही है सबूत Hindi News, June 24, 2024June 24, 2024 नमस्कार, दोस्तों आपने रामायण की कई कहानियां सुनी होगी। जिसमे आपने रावण की बहन शूर्पणखा का भी जिक्र सुना होगा। रामायण में शूर्पणखा का एक जाना माना किरदार रहा है। अगर हम बात करें वर्तमान की तो हमारे भारत में तो शूर्पणखा केवल इतिहास के पन्नों में सिमट के रही है। लेकिन श्री लंका में शूर्पणखा के होने का दावा किया जा रहा है। और न केवल आम इंसान बल्कि लंका की सरकार भी इस बात को मान्यता दे चुकी है। जी हाँ, आईये आज हम आपको लंका में रहने वाली एक औरत से परिचित करवाते हैं जो खुद को शूर्पणखा बता रही है। आज भी जिन्दा है शूर्पणखा यदि कोई आपके सामने ऐसी बात करे कि रावण की बहन शूर्पणखा आज भी लंका में एक महिला के रूप में जिन्दा हैं तो शायद आप भी यकीन नहीं करेंगे। और भला यकीन होगा भी कैसे, भला शूर्पणखा कैसे जिन्दा हो सकती है। वो भी एक आम इंसान में एक नयी सख्शियत के साथ। लेकिन दोस्तों इसके बारे में मिली जानकारी के मुताबिक यह बात कई हद्द तक सच है। जी हाँ लंका के बीचों बीच स्थित महियांग्ना में एक महिला गंगा सुदर्शनी हैं जो खुद को शूर्पणखा होने का दावा करती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान गंगा सुदर्शनी ने अपने बारे में कई ऐसी बातें बताई है जो उनके सूर्पणखा होने के सबूत हैं। खुद को सूर्पणखा बताने के कारण श्री लंका की यह महिला खुद को यूँ ही सूर्पणखा नहीं कहती है। बल्कि वो इसके कुछ सबूत भी देती हैं। जी हाँ मिली जानकारी के मुताबिक गंगा सुदर्शनी महज 3 वर्ष की थी जबसे उनके भीतर ऐसे लक्षण आने शुरू हो गए। हालाँकि बताया गया कि उनके जन्म के समय से ही उनके नाक और कान में काटने के निशान मौजूद हैं। जब वो केवल 3 वर्ष की थी तो बिना रामायण पढ़े वह रामायण की कई कहानीयाँ सुनाती थी। वहीं जानकारी मिली कि जब वो छोटी थी तो वो अपने पिताजी को कहती थी कि उनको नाक कान में बहुत दर्द हो रहा है जैसे कोई उनके नाक कानों को काट रहा हो। स्वयं को सूर्पणखा होने का दावा करने वाली इस महिला में कई आंतरिक शक्तियों का वास है। जिनसे यह लोगों की समस्याओं को दूर करती है। इतना ही नहीं बल्कि ये बारिश को करवाने और रोकने की शक्ति भी रखती हैं। इसके साथ साथ ये भूतकाल और भविष्यकाल को देखने की क्षमता भी रखती हैं। ऐसी दैविक शक्तियों और ऐसे सबूतों से लंका के लोग भी इन्हें सूर्पणखा मानते हैं और इनकी खूब पूजा भी करते हैं। और न केवल आम जनता बल्कि श्रीलंका की सरकार और धार्मिक गुरु भी इन्हें सूर्पणखा मानते हैं। सूर्पणखा कौन थी ? सूर्पणखा रामायण महाकाव्य में एक महत्वपूर्ण पात्र हैं। वह लंका के राजा रावण की बहन थीं और उनके भाइयों में खर, दूषण, और विभीषण शामिल थे। सूर्पणखा का वास्तविक नाम “मीनाक्षी” था, लेकिन उनकी नाक के आकार के कारण उन्हें सूर्पणखा कहा जाता था, जिसका अर्थ है “कटी हुई नाक”। रामायण में सूर्पणखा की मुख्य भूमिका तब आती है जब वह पंचवटी में राम, सीता और लक्ष्मण से मिलती है। सूर्पणखा राम से विवाह करने की इच्छा व्यक्त करती है, लेकिन राम उसे विनम्रता से मना कर देते हैं। इसके बाद वह लक्ष्मण से विवाह का प्रस्ताव करती है, लेकिन लक्ष्मण भी उसे ठुकरा देते हैं। क्रोधित होकर सूर्पणखा सीता पर हमला करने की कोशिश करती है, तब लक्ष्मण उसकी नाक और कान काट देते हैं। सूर्पणखा की इस अपमानजनक घटना के बाद, वह अपने भाइयों खर और दूषण से सहायता मांगती है, जो बाद में राम और लक्ष्मण के साथ युद्ध में मारे जाते हैं। अंततः, सूर्पणखा अपने भाई रावण से शिकायत करती है और उसे सीता का अपहरण करने के लिए प्रेरित करती है, जो रामायण के केंद्रीय कथानक का एक प्रमुख मोड़ बनता है। सूर्पणखा का चरित्र रामायण में मुख्यतः नकारात्मक रूप में चित्रित किया गया है, लेकिन वह कथा को आगे बढ़ाने और विभिन्न घटनाओं को जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह भी जानें : भगवान शिव के कुछ महत्वपूर्ण अवतार के बारे में जानें Information News Article Story