नेपाल में Gen-Z विद्रोह: सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं का गुस्सा Hindi News, September 8, 2025September 8, 2025 नेपाल इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बड़े युवा आंदोलनों में से एक का गवाह बन रहा है। सरकार द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर अचानक लगाए गए प्रतिबंध ने युवाओं में आक्रोश की लहर पैदा कर दी। खासकर Gen-Z पीढ़ी, जो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स को अपनी आवाज़ और अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा माध्यम मानती है, इस फैसले को किसी भी हाल में स्वीकार करने के मूड में नहीं दिखी। यही वजह रही कि देखते ही देखते हजारों छात्र और युवा राजधानी काठमांडू की सड़कों पर उतर आए। संसद पर धावा और कर्फ्यू की घोषणा शुरुआत में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन जब आंदोलनकारियों ने संसद भवन की ओर कूच किया तो पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस, रबर की गोलियां और वाटर कैनन का सहारा लिया। हालात इस कदर बिगड़े कि एक युवक की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। सरकार ने तत्काल प्रभाव से संसद, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास के आसपास कर्फ्यू लगा दिया, ताकि स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके। आंदोलन का असली संदेश युवा केवल सोशल मीडिया बैन का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि यह आंदोलन गहराई से भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और शासन की पारदर्शिता जैसे मुद्दों को भी छू रहा है। Gen-Z का यह विद्रोह यह साफ़ कर रहा है कि आज की पीढ़ी केवल ऑनलाइन मौजूदगी तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क पर उतरने का साहस भी रखती है। नेपाल का यह युवा आंदोलन केवल एक सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ आवाज़ नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में लोकतांत्रिक विमर्श की दिशा तय कर सकता है। Gen-Z ने यह साबित कर दिया है कि अगर उनकी स्वतंत्रता छीनी गई, तो वे अपनी ताकत दिखाने के लिए पीछे नहीं हटेंगे। 22 सितम्बर से काफी सस्ते हो जायेंगे 32 इंच और 43 इंच टीवी , जानें क्या रहेगा नए GST का रेट News Article