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भारत के खान-पान की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में तारीफ: क्यों भारतीय भोजन दुनियाभर में श्रेष्ठ है और किन देशों का भोजन नहीं बन पाया लोकप्रिय?

Hindi News, October 12, 2024October 12, 2024

नमस्कार, दोस्तों हाल ही में आई एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ने दुनिया भर के खान-पान की समीक्षा की, जिसमें भारत के व्यंजनों को बड़े पैमाने पर सराहा गया। भारतीय भोजन के अद्वितीय स्वाद, पोषण मूल्य, और विविधता ने इसे वैश्विक मंच पर एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है। हालांकि, कुछ देशों के भोजन को अपेक्षाकृत कम आकर्षक और अस्वास्थ्यकर माना गया है। हमारा देश अपनी विविधता और संस्कृति को लेकर विश्व भर में विख्यात है लेकिन अब यह अच्छे भोजन को लेकर भी श्रेष्ठ माना गया है। इस लेख में हम इस रिपोर्ट की प्रमुख बातों पर चर्चा करेंगे, साथ ही यह भी जानेंगे कि किन देशों का खाना क्यों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेकार माना गया है।

भारत का खान-पान: विविधता, स्वाद और सेहत का संगम

भारत का भोजन उसकी संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। यहां के खाने में मसालों का संतुलित और समृद्ध प्रयोग होता है, जो न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होते हैं। भारतीय व्यंजनों में मसाले, जड़ी-बूटियाँ, और ताजे उत्पादों का इस्तेमाल प्रमुख होता है, जो उसे अन्य अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों से अलग बनाता है।

  1. स्वाद और विविधता: भारत के प्रत्येक राज्य और क्षेत्र का खाना अलग-अलग होता है। उत्तर भारतीय मसालेदार करी से लेकर दक्षिण भारतीय डोसा और सांभर तक, हर व्यंजन में अद्वितीयता और विविधता है। यहां की मिठाइयाँ भी दुनियाभर में मशहूर हैं, जैसे कि रसगुल्ला, गुलाब जामुन और लड्डू।
  2. सेहतमंद भोजन: भारतीय भोजन में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। दाल, सब्जियाँ, अनाज और मसाले—जैसे हल्दी, जीरा और अदरक, सभी का इस्तेमाल स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि शरीर को आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है।
  3. शाकाहारी विकल्पों की विविधता: भारतीय खान-पान में शाकाहारी व्यंजनों की भरमार है। दाल, छोले, पनीर और ताजे फलों और सब्जियों का उपयोग शाकाहारी लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट विकल्प प्रदान करता है। यह एक ऐसी विशेषता है जो बहुत कम देशों में मिलती है।

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किन देशों का खाना हुआ बदनाम और क्यों?

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ देशों के खान-पान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और स्वाद के पैमाने पर कमतर माना गया। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे पोषण की कमी, अत्यधिक तली-भुनी चीज़ों का सेवन, या भोजन में स्वाद और ताजगी का अभाव।

  1. अमेरिका: अमेरिकी फास्ट फूड संस्कृति ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव है। बर्गर, फ्रेंच फ्राइज़, और पिज़्ज़ा जैसे खाद्य पदार्थों में पोषण की कमी होती है और इनमें अत्यधिक कैलोरी होती है। यही कारण है कि अमेरिकी भोजन को अस्वस्थ और मोटापे को बढ़ावा देने वाला माना जाता है।
  2. इंग्लैंड: इंग्लैंड का पारंपरिक भोजन भी अपनी सादगी और स्वाद की कमी के कारण आलोचना का शिकार रहा है। मछली और चिप्स, पाई और मैश जैसे व्यंजन यहाँ के प्रमुख खाने में शामिल हैं, लेकिन इनके स्वाद में विविधता की कमी और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी इसे कमतर साबित करती है।
  3. रूस: रूसी खान-पान में भारी भोजन का चलन है, जिसमें मांस और आलू जैसे भारी तत्व प्रमुख होते हैं। इसके अलावा, कई रूसी व्यंजन अत्यधिक नमकीन और तले-भुने होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं माने जाते। इस वजह से रूसी भोजन को कम लोकप्रियता मिली है।

निष्कर्ष

भारत के खान-पान की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में जो तारीफ की गई है, वह न केवल उसकी अद्वितीयता और विविधता की वजह से है, बल्कि स्वास्थ्य और स्वाद के संतुलन की वजह से भी है। वहीं, अमेरिका, इंग्लैंड और रूस जैसे देशों के खान-पान को स्वास्थ्य और स्वाद के पैमाने पर पिछड़ा माना गया है।

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि एक देश का खाना उसकी संस्कृति और स्वास्थ्य संबंधी प्राथमिकताओं को दर्शाता है। भारतीय खान-पान की समृद्ध विरासत और स्वास्थ्यवर्धक पहलू उसे वैश्विक स्तर पर सराहना दिलाते हैं, जबकि कुछ देशों का फास्ट फूड और भारी भोजन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

भारत के कुछ प्रमुख व्यंजन और उनके संबंधित राज्य

  1. राजमा-चावल – जम्मू और कश्मीर
  2. मक्के दी रोटी और सरसों दा साग – पंजाब
  3. दाल बाटी चूरमा – राजस्थान
  4. पोहा – मध्य प्रदेश
  5. बिरयानी – तेलंगाना (हैदराबाद)
  6. माछेर झोल – पश्चिम बंगाल
  7. धोकला – गुजरात
  8. इडली-डोसा – तमिलनाडु
  9. वड़ा पाव – महाराष्ट्र
  10. लिट्टी चोखा – बिहार
  11. रोगन जोश – जम्मू और कश्मीर
  12. मोमोज़ – सिक्किम
  13. मिस्सी रोटी – हरियाणा
  14. पायसम – केरल
  15. अवियल – केरल
  16. पंजीर – उत्तर प्रदेश
  17. चिंगरी माचेर मलाई करी – पश्चिम बंगाल
  18. थुक्पा – अरुणाचल प्रदेश
  19. फिश करी – गोवा
  20. खमन – गुजरात

ये सूची भारत के विविध और अद्वितीय खानपान को दर्शाती है, जो हर राज्य की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है।

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