Chinese Chopsticks : आखिर चीन के लोग चॉपस्टिक से खाना क्यों खाते हैं, जानें इसके पीछे का रहस्य Hindi News, October 7, 2024October 8, 2024 नमस्कार, दोस्तों आपने चीन के लोगों का खान पान तो देखा ही होगा। जो कि हमारे भारत से काफी हद तक अलग है। जिस वजह से हमे इनका भोजन बहुत अजीब भी लगता है। भोजन तो अलग है ही बल्कि खाने का तरीका भी काफी अलग है। जी हाँ आपने देखा होगा की चीनी लोग खाना न तो हाथ से कहते हैं और न ही चम्मच से बल्कि ये लोग खाने के लिए चॉपस्टिक का प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर चीन के लोग चॉपस्टिक से खाना क्यों खाते हैं ? तो आईये आज हम आपको इसी विषय में जानकारी देंगे। जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। चीन के लोग चॉपस्टिक से खाना क्यों खाते हैं दोस्तों चॉपस्टिक का उपयोग चीन और अन्य पूर्वी एशियाई देशों में बहुत आम है। चीन में इसका इस्तेमाल काफी लम्बे समय से होता आ रहा है, और इसके पीछे कई कारण और मान्यताएं हैं। आइए जानते हैं कि आखिर चीन के लोग चॉपस्टिक से खाना क्यों खाते हैं और इसका क्या महत्व है। 1. इतिहास और परंपरा चॉपस्टिक का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना माना जाता है। इसका जन्म चीन में हुआ था, और वहां से यह जापान, कोरिया, वियतनाम जैसे देशों में भी फैल गई। पुराने समय में जब खाना पकाने के लिए बड़े बर्तन का इस्तेमाल होता था, तो खाना निकालने के लिए लंबे लकड़ी के टुकड़ों का उपयोग किया जाता था। धीरे-धीरे इन लकड़ी के टुकड़ों को छोटा और सरल बनाया गया, जिससे उन्हें खाना खाने के लिए भी उपयोग किया जाने लगा। इस प्रकार चॉपस्टिक का उपयोग धीरे-धीरे भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। 2. भोजन की शैली चीन में जो भोजन पकाया जाता है, वह छोटे टुकड़ों में होता है, जैसे कि नूडल्स, चावल, सब्जियां, और मांस के छोटे टुकड़े। इन छोटे टुकड़ों को चॉपस्टिक से पकड़ना आसान होता है। इसके विपरीत, पश्चिमी देशों में चाकू और कांटे का उपयोग बड़े टुकड़ों को काटने और खाने के लिए किया जाता है। चीन में खाना पकाते समय ही उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है, जिससे चॉपस्टिक से सीधे खाया जा सके। 3. सौम्यता और शांति चॉपस्टिक का इस्तेमाल भोजन करते समय एक प्रकार की सौम्यता और शांति का प्रतीक माना जाता है। यह भोजन को धीरे-धीरे और शांति से खाने की आदत को बढ़ावा देता है। चीनी संस्कृति में भोजन को संयमित और सम्मानपूर्वक खाना महत्वपूर्ण माना जाता है, और चॉपस्टिक इसका प्रतीक हैं। इसके विपरीत, चाकू और कांटे का उपयोग ज्यादा तेज़ और शोर-शराबे वाला हो सकता है। 4. ताओवाद का प्रभाव चीनी दर्शन में ताओवाद का भी चॉपस्टिक के उपयोग पर गहरा प्रभाव है। ताओवाद में संतुलन और सौम्यता को प्राथमिकता दी जाती है। चॉपस्टिक का उपयोग न केवल भोजन के प्रति सम्मान दिखाने का एक तरीका है, बल्कि यह ताओवादी सिद्धांतों के अनुरूप भी है। माना जाता है कि चॉपस्टिक से खाना खाने से भोजन में ज्यादा ध्यान और आत्मसंयम रहता है। 5. सामग्री की उपलब्धता पुराने समय में लकड़ी और बांस जैसी सामग्रियां चीन में प्रचुर मात्रा में पाई जाती थीं। इसलिए, चॉपस्टिक बनाने के लिए इन सामग्रियों का उपयोग किया गया। चॉपस्टिक सस्ती, सरल और पर्यावरण के अनुकूल होती हैं, इसलिए इनका उपयोग लंबे समय तक चलता रहा और आज भी यह चीन की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। 6. स्वास्थ्य और सफाई चॉपस्टिक का उपयोग भोजन को सीधे हाथ से छूने से बचाने का एक साधन भी है। इससे भोजन को हाथ से गंदा करने की संभावना कम हो जाती है, जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, चॉपस्टिक से खाना धीरे-धीरे खाया जाता है, जिससे पाचन में सुधार होता है और शरीर को संतुलित रूप से भोजन मिलता है। चीन में चॉपस्टिक का उपयोग न केवल एक पारंपरिक भोजन शैली है, बल्कि यह वहां की संस्कृति, इतिहास और दर्शन का भी हिस्सा है। यह एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है जो भोजन के प्रति आदर और संयम को बढ़ावा देता है। चॉपस्टिक से खाना चीन की हजारों साल पुरानी परंपरा है, जो आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण और प्रिय है जितनी पहले थी। यह भी जानें : तुलसी एक औषधीय पौधा और इसके कई लाभ Health & Care Information Life Style