Jagannath Temple : नमस्कार, दोस्तों आपने आम इंसान या पशु पक्षी को बीमार पड़ते तो देखा ही होगा, लेकिन क्या कभी आपने किसी देवी देवता को बीमार पड़ते देखा है। अगर नहीं तो आज हम आपको ऐसी ही एक दिलचस्प जानकारी देने जा रहे हैं। जी हाँ ओडिसा के जगन्नाथपुरी मंदिर के भगवान् जगन्नाथ आम इंसानों की तरह कुछ दिनों के लिए बीमार हो जाते हैं। और एक बीमार मनुष्य की भाँती कुछ दिन व्यतीत करते हैं। तो आईये जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या कारण है कि भगवान् बीमार पड़ जाते हैं। साथ ही जानेंगे इसके पीछे की दिलचस्प कहानी।
भगवान् जगन्नाथ हो जाते हैं बीमार
ओड़िसा के जगन्नाथ मंदिर के बारे में तो आपने सुना होगा, यह काफी प्रसिद्ध मंदिर है। कहा जाता है कि भगवान् जगन्नाथ अपनी रथ यात्रा से 15 दिन पूर्व बीमार पड़ जाते हैं। जी हाँ ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन भगवान् जगन्नाथ को स्नान कराया जाता है। जिसके कुछ समय बाद भगवान् बीमार पड़ जाते हैं। इसके बाद 15 दिनों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। यहाँ भगवान् अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ आराम करते हैं।
इस समय कोई भी भक्त अपने भगवान् के दर्शन नहीं कर सकता। ऐसे में केवल कुछ मुख्य पंडित ही उनके साथ रहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि मंदिर के अंदर भगवान् का कई औषधियों से इलाज भी किया जाता है। लगातार 15 दिनों तक बीमार रहने के पश्चात पूरे तैयार होकर भगवान् बहार आते हैं। इसके बाद उनकी रथ यात्रा निकाली जाती है। जिससे उनके सभी भक्त उनके दर्शन करते हैं।
भगवान् जगन्नाथ के बीमार होने के पीछे का रहस्य
दोस्तों अभी हमने आपको बताया कि पूरे साल भर में भगवान् जगन्नाथ 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं। तो आईये अब जानते हैं कि आखिर क्यों भगवान् जगन्नाथ 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते है। भगवान् जगन्नाथ के बीमार होने के पीछे कई तथ्य कहे जाते हैं। जिनमे से 3 तथ्य हम आपको बताएंगे।
- मान्यता है कि भगवान् दुनिया भर में रहने वाले अपने भक्तों की परेशानियों को हर लेते हैं। जिसके कारण वह साल भर में एक बार बीमार हो जाते हैं। और 15 दिनों तक उनको ठीक करने के लिए उनका इलाज़ किया जाता है।
- वहीं दूसरी ओर यदि वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो कहते हैं कि ज्येष्ठ के माह की भीषण गर्मी में भगवान् अपने भक्तों को कष्ट नहीं देना चाहते। इसीलिए वो 15 दिन के लिए आराम करते हैं जिससे भक्त भी इतने दिन आराम करे।
- एक पुरानी कथा के अनुसार भगवान् के एक प्रिय भक्त माधव दास हुआ करते थे, जिन्होंने अपनी पत्नी के मरने के बाद अपना पूरा जीवन भगवान् जगन्नाथ को अर्पित कर दिया था। कहा जाता है कि जब अपने अंतिम दिनों में माधव दास बीमार हुआ तो भगवान् ने ही उनकी सेवा की। भगवान् ने माधव दास की 15 दिन की बीमारी को अपने ऊपर ले लिया और भगवान् स्वयं अपने भक्त के लिए बीमार पड़ गए। तब से लेकर आज तक भगवान् जगन्नाथ जी 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं।
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