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ऑनलाइन सट्टेबाजी और फैंटसी ऐप्स से खिलाड़ियों को बेवकूफ बनाने की चालबाज़ी

नमस्कार, दोस्तों आजकल ऑनलाइन सट्टेबाजी और फैंटसी ऐप्स का रुझान अत्यधिक तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही एक गंभीर प्रभाव भी है जो खिलाड़ियों को बेवकूफ बनाता जा रहा है। ये ऐप्स अक्सर आपको कुछ दिखाते हैं और आपको लगता है कि आप बहुत आसानी से पैसा कमा सकते हैं, लेकिन असल में यह एक जाल है, जिसमे आप बुरी तरह फस सकते हैं। इसलिए ऑनलाइन सट्टेबाजी और फैंटसी को समझना जरूरी है, जिससे आप ऐसी चीजों का शिकार न बनें।

1. आसान जीत का वादा

ये ऐप्स हमेशा नए खिलाड़ियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए नए नए नुस्खे निकलते रहते हैं। जिसमे आसान जीत का वादा सबसे पहला और प्रबल तरीका है। आसान जीत वादा करके ये आपको अपने जाल में फंसाते हैं। उनका कहना होता है कि बस कुछ ही स्टेप्स फॉलो करो, और आप लाखों रुपये कमा सकते हो। इस तरह के वादे से खिलाड़ियों को लालचित किया जाता है। जिससे खिलाड़ी हमेशा और अधिक टास्क को पूरा करने की कोशिश में लग जाता है और अपना नुक्सान करवा बैठता है।

2. अधिकारिक दिखावा

इन ऐप्स का अधिकारिक दिखावा हमेशा चमकदार होता है। उनकी वेबसाइट्स और एप्स इतनी वेल-डिज़ाइन्ड होती हैं कि कोई भी इन्हें देखे तो उनका विश्वास कर लेता है। अधिकारिक साउंडिंग नाम और लोगो का इस्तेमाल होता है जो खिलाड़ियों को ये महसूस करवाने में मदद करते हैं कि ये एप्स बिल्कुल सही और रियल हैं।

3. फ्री बोनस और कैशबैक ऑफर्स

ये ऐप्स हमेशा खिलाड़ियों को फ्री बोनस और कैशबैक ऑफर्स के नाम पर बेवकूफ बनाते हैं। उनका कहना होता है कि आप जब पहली बार रजिस्टर करेंगे तो आपको फ्री बोनस मिलेगा, जिसे आप सीधा खेल सकते हैं। ये ऑफर्स सिर्फ नाम के होते हैं, असल में अक्सर बहुत ही मुश्किल होते हैं इन्हें रिडीम करना। लेकिन फ्री बोनस का सुनकर खिलाडी इन एप्प्स को डाउनलोड कर लेते हैं। और फिर पछताते रह जाते हैं।

4. खिलाड़ियों को गुमराह करने का तरीका

ये ऐप्स खिलाड़ियों को गुमराह करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। उनका एक तरीका है एट्रैक्टिव ग्राफ़िक्स और ऐनीमेशन का इस्तेमाल करना जो लोगों को लालचित करता है। दूसरे तरीके में, उनका कस्टमर सपोर्ट टीम खिलाड़ियों से दोस्ताना व्यवहार करेगी, लेकिन जब आप पैसा लगा कर हार जाओगे तो इनका कोई रिप्लाई नहीं आएगा।

5. भयंकर प्रतिस्पर्धा और दबाव

इन ऐप्स में भयंकर प्रतिस्पर्धा और दबाव होता है खुद को प्रमाणित करने का। इस दबाव में लोग अपनी सीमाएं भूल जाते हैं और ज़्यादा पैसा हार जाते हैं। इस प्रतिस्पर्धा में खिलाड़ी अपने डिसीज़न ठोकने में लापरवाह हो जाता है, जो कि इन ऐप्स का एक मक़सद है।

6. नियामक सुधार की कमी

इन ऐप्स को नियामक करने में सरकार और नियामक निकायों का काम मुश्किल होता है। इस वजह से ये ऐप्स अपने तरीकों को आजमाते रहते हैं। खिलाड़ियों को बेवकूफ बनाने का ये सिलसिला यही से शुरू होता है, क्योंकि कोई भी इन पर कोई भी चेक नहीं लगा सकता।

7. आड़डिक्शन का खेल

ये ऐप्स खिलाड़ियों को आड़डिक्शन का शिकार बनाते हैं। रेगुलर नोटिफिकेशन्स और ऑफर्स के ज़रिए, ये लोगों को बार-बार खेलने पर मजबूर करते हैं। इस आड़डिक्शन में लोग अपने पैसा, समय और ऊर्जा का बोझ उठाते हैं, लेकिन वास्तव में कुछ भी हासिल नहीं होता।

ऑनलाइन सट्टेबाजी और फैंटसी ऐप्स का इस्तेमाल करने से पहले लोगों को चाहिए कि वे इन ऐप्स को सही ढंग से समझें। ये सिर्फ एक तरीका है पैसा कमाने का, लेकिन इसमें बहुत से रिस्क हैं। इन ऐप्स पर विशेषज्ञों द्वारा निग्राणी बनी रहनी चाहिए और सरकार को भी इन पर सख्त नियंत्रण लगाना चाहिए ताकि खिलाड़ियों को बेवकूफ बनाने का यह सिलसिला रोका जा सके। इसमें शामिल होने से पहले लोगों को अपनी सीमाएं तय करनी चाहिए और हमेशा अपने पैसा और समय का उचित इस्तेमाल करना चाहिए।

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