नई दिल्ली। भारत की टैक्स व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को आम लोगों के लिए और आसान बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। पहले जहां 0%, 5%, 12%, 18% और 28% जैसी अलग-अलग दरें थीं, वहीं अब इन्हें घटाकर सिर्फ दो प्रमुख स्लैब कर दिया गया है – 5% और 18%।
पीएम मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले पर कहा कि “GST को सरल और पारदर्शी बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। देश के नागरिकों और कारोबारियों को जटिल टैक्स व्यवस्था से छुटकारा दिलाना जरूरी था। अब सिर्फ दो स्लैब रह जाने से ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का सपना और सशक्त होगा।” बता दें कि 2017 के बाद GST को लेके यह सबसे बड़ा फैसला है।
उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी
इस बदलाव से आम जनता को सीधा फायदा होगा। अब रोजमर्रा की कई चीजें और सेवाएं पहले से सस्ती हो गई हैं, जैसे –
- Personal care प्रोडक्ट्स (साबुन, शैम्पू, क्रीम इत्यादि)
- रेस्टोरेंट और होटल्स में खाना
- यात्रा सेवाएं जैसे टैक्सी और बस
- गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान
- सैलून, जिम और योगा सेंटर जैसी लाइफस्टाइल सेवाएं
पहले इन पर अलग-अलग टैक्स दरें लागू होती थीं, लेकिन अब इनका बोझ कम हो गया है।
कारोबारियों के लिए भी बड़ी राहत
छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए यह कदम बहुत फायदेमंद माना जा रहा है। पहले जटिल टैक्स स्ट्रक्चर की वजह से अकाउंटिंग और बिलिंग में मुश्किलें आती थीं। अब सिर्फ दो स्लैब के चलते उनका अनुपालन (compliance) आसान हो जाएगा। इससे कारोबारियों का समय और पैसा दोनों बचेंगे।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का लक्ष्य है कि टैक्स सिस्टम को इतना सरल बना दिया जाए कि हर वर्ग के लोग इसे आसानी से समझ सकें। पारदर्शिता बढ़ेगी, टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और कारोबार का माहौल और सकारात्मक बनेगा।
आगे की उम्मीद
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में GST को और ज्यादा सरल बनाया जा सकता है। संभव है कि आने वाले समय में सिर्फ एक ही स्लैब रह जाए। फिलहाल, दो स्लैब का मॉडल ग्राहकों और कारोबारियों दोनों के लिए संतुलित माना जा रहा है।
कुल मिलाकर, यह बदलाव न केवल जनता की जेब के लिए राहत भरा है बल्कि भारत की टैक्स व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम भी है।
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