National Nutrition Week: दोस्तों पोस्टिक आहार सभी लोगों के लिए बहुत जरुरी है। लेकिन देश के नागरिक इसके लिए जागरूक नहीं हैं। इसलिए भारत सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ चलाया जाता है। यह सप्ताह प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है। अर्थात 1 सितम्बर से 7 सितम्बर तक यह कार्यक्रम चलाया जाता है। आज हम आपको इस विषय में पूरी जानकारी देंगे। अपने स्वास्थ्य के लिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें। तभी आपको पूरी जानकारी प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह
दोस्तों जीवन में सबसे अधिक आवश्यक स्वस्थ रहना माना जाता है। यदि हम स्वस्थ हैं, तभी हम अपना जीवन सुखी रूप से जी पाते हैं। दैनिक कार्यों को करने के लिए हमे ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके लिए भोजन अति आवश्यक है। भोजन न केवल ऊर्जा के लिए बल्कि अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी लिया जाता है। एक पोस्टिक आहार के लिए हमारे भोजन में सभी जरुरी तत्वों का होना आवश्यक है। इसी विषय में जागरूक बनाने के लिए सरकार ने ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ की शुरुआत की। यह सप्ताह 1 से 7 सितम्बर तक चलाया जाता है। जिसमे स्वास्थ्य सम्बन्धी कई कार्यकर्त्ता जगह जगह नागरिकों को पोषण के बारे में जानकारी देते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की शुरुआत 1973 में की गयी थी।
देश में कुपोषण के आंकड़े
यदि हम कुपोषण के पुराने आंकड़ों पर गौर फरमाए तो 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चे कुपोषण का शिकार हुए थे। जिनकी संख्या करीब 70 करोड़ से अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 5 साल से कम बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण कुपोषण ही है।
कुपोषण के कारण
एक स्वस्थ शरीर पाने के लिए हमे सभी विटामिन, प्रोटीन जैसे तत्वों से युक्त भोजन को लेना चाहिए। लेकिन कई बच्चे केवल अपना पेट भरने के लिए भोजन करते हैं। जिसमे इन पोषक तत्वों की मात्रा नहीं होती है। जिसके कारण बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। इसके अलावा जब बच्चा शिशु रूप में होता है तो यदि उसको माता का दूध पूर्ण रूप से नहीं मिल पता तो वह कुपोषण का शिकार हो जाता है। असुद्ध पेयजल भी इसका बड़ा कारण है। बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई है।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का उद्देश्य
देश में कुपोषण को कम करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की यह स्कीम चलायी है। जिसमे पूरे सप्ताह नागरिकों को पोषण के बारे में जागरूक किया जाता है। इस स्कीम का उद्देश्य देश भर में पोषित भोजन को लेकर लोगों को जागृत करना है। साथ ही देश के बच्चों को कुपोषण से बचना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2022 में पोषण सप्ताह की थीम “सेलिब्रेट वर्ल्ड ऑफ़ फ्लेवर” है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति को नए नए व्यंजनों को आजमाना चाहिए और उनका स्वाद लेना चाहिए।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह कैसे मनाया जाता है
प्रत्येक वर्ष 1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है। आईये आपको बताते हैं की यह किस प्रकार मनाया जाता है।
- इस दौरान देश के नागरिकों को पोषण के प्रति जागृत किया जाता है।
- स्वास्थ्य सम्बन्धी लोग जगह जगह जाकर इसके बारे में लोगों को जानकारी देते हैं।
- बच्चों को ही नहीं बल्कि गर्भवती महिलाओं को भी यह यह जानकारी दी जाती है।
- स्कूलों में बच्चों को इसके बारे में जानकारी दी जाती है।
- इसके दौरान प्रबंधकों के साथ माताओं की बैठक करवाई जाती है।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भी मीटिंग करवाई जाती है।
- और उन्हें लोगों को जागृत करने के लिए कहा जाता है।
- गाँव में लोगों को स्वच्छ जल पीने की सलाह दी जाती है।
- साथ ही शुद्ध और पोस्टिक सब्जियां खाने को कहा जाता है।
- इस दौरान सरकार आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए पोषण युक्त भोजन भेजते हैं।
- जिसमे दाल, दलीय, दूध आदि उत्पाद रहते हैं।
- जो कि बच्चे को संपूर्ण पोषण देते हैं।
- इसी प्रकार स्कूलों में भी बच्चों को पोषण युक्त भोजन दिया जाता है।
यह भी जानें : गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं, कब मनाते हैं और कैसे मनाते हैं, जानें पूरी जानकारी