Site icon Thehindinews

दिमाग थकाने वाली 7 आदतें और उनसे बचने के मज़ेदार नुस्खे

दिमाग थकाने वाली 7 आदतें और उनसे बचने के मज़ेदार नुस्खे

दिमाग थकाने वाली 7 आदतें और उनसे बचने के मज़ेदार नुस्खे

क्या आपने कभी महसूस किया है कि बिना कोई भारी-भरकम काम किए भी आपका दिमाग कहने लगता है—”भाई, अब बस करो, मुझे आराम चाहिए”? सच तो यह है कि हमारा दिमाग मशीन से भी ज्यादा काम करता है, लेकिन मशीन को तो हम टाइम-टू-टाइम चार्ज कर लेते हैं, पर दिमाग को चार्ज करना अक्सर भूल जाते हैं। असल गड़बड़ हमारी कुछ छोटी-छोटी आदतों से शुरू होती है। आइए आज बात करते हैं दिमाग को थकाने वाली 7 आदतें, जो हमारे दिमाग की बैटरी को “लो पावर मोड” में डाल देती हैं, और जानेंगे कैसे उन्हें बदलकर दिमाग को खुश रखा जा सकता है।

मोबाइल की लत

सुबह उठते ही मोबाइल उठाना और रात को सोने से पहले भी उसी से लिपटना—ये आदत अब लगभग हर किसी की है। स्क्रॉलिंग का खेल शुरू होता है, और हमें पता ही नहीं चलता कि कब आधा घंटा इंस्टाग्राम रील्स में निकल गया। दिमाग बेचारा लगातार नए-नए कंटेंट से थक जाता है और चुपचाप कहता है—”भाई, मुझे भी तो आराम चाहिए।”

उपाय – मोबाइल को अपनी ज़िंदगी का मालिक मत बनने दीजिए। दिन में कुछ घंटे नो स्क्रीन टाइम ज़रूर रखें। सुबह उठते ही सबसे पहले मोबाइल देखने की आदत छोड़ें और रात को सोने से पहले उसे “गुड नाइट” बोलकर साइड में रख दें।

मल्टीटास्किंग का झांसा

हम सोचते हैं कि एक साथ पांच काम करने से हम सुपरहीरो बन जाएंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि इससे हम सुपर-कन्फ्यूज़्ड ही बनते हैं। दिमाग को बार-बार काम बदलना पड़ता है, और आखिर में न कोई काम पूरा होता है न दिमाग खुश रहता है।

उपाय – एक समय पर एक ही काम करें। टू-डू लिस्ट बनाएं और उसमें टिक लगाते जाइए। यकीन मानिए, लिस्ट पूरी होते ही दिमाग खुशी से डांस करेगा।

नींद की कमी

“सोने से काम रुकेगा”—ये सोचकर हम नींद काट देते हैं। लेकिन दिमाग कहता है—”भाई, बिना सोए मत चला, वरना मैं हड़ताल कर दूंगा।” नींद की कमी से ध्यान नहीं लगता, गुस्सा बढ़ता है और याददाश्त भी कमजोर होने लगती है।

उपाय – रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद लें। रात को जल्दी सोएं और सोने से पहले फोन को दूर रखें। सही नींद दिमाग को रीचार्ज करने का सबसे सस्ता और आसान तरीका है। सोने से पहले आप अच्छी पॉजिटिव किताबें भी पढ़ सकते हैं।

ज़िंदगी बदलने वाली सर्वश्रेष्ठ किताबें: वो 5 पुस्तकें जो आपकी सोच और जीवन को नई दिशा देंगी

ओवरथिंकिंग

छोटी-छोटी बातों पर बार-बार सोचना, जैसे “कल ऑफिस में बॉस ने ऐसे क्यों देखा?” या “फ्रेंड ने मैसेज रिप्लाई क्यों नहीं किया?”… ये सब बातें दिमाग की एनर्जी बेकार में खा जाती हैं।

उपाय – मेडिटेशन और जर्नलिंग की आदत डालें। मन में चल रही बातें डायरी में लिख दें, दिमाग को हल्का लगेगा। और हां, हर बात को दिल पर मत लीजिए, वरना दिमाग कब रिटायर हो जाएगा, पता भी नहीं चलेगा।

ब्रेक न लेना

कई लोग मानते हैं कि बिना रुके काम करना ही मेहनत की निशानी है। लेकिन सच्चाई यह है कि बिना ब्रेक दिमाग भी “हीटअप” हो जाता है। यह वैसा ही है जैसे बिना रुके बाइक चलाना और फिर इंजन से धुआं निकलना।

उपाय – हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक लीजिए। पानी पिएं, स्ट्रेचिंग करें या खिड़की से बाहर झांक लीजिए। दिमाग तुरंत कहेगा—”थैंक यू बॉस, अब मैं फिर से तैयार हूँ।”

खराब खान-पान

पेट में जंक फूड भरकर दिमाग से तेज़ी की उम्मीद करना वैसा ही है जैसे पेट्रोल की जगह पानी डालकर गाड़ी स्टार्ट करना। दिमाग को भी सही पोषण चाहिए।

उपाय – हेल्दी खाना खाइए। हरी सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स दिमाग के असली दोस्त हैं। और हां, पानी पीना मत भूलिए, वरना दिमाग सूखा-सूखा महसूस करेगा।

तनाव का बोझ

तनाव दिमाग की सबसे बड़ी दुश्मन है। थोड़ी-बहुत चिंता तक तो ठीक है, लेकिन जब हर छोटी बात पर टेंशन लेने लगें, तो दिमाग की हालत वैसे हो जाती है जैसे किसी कंप्यूटर में बार-बार “हैंग” का नोटिफिकेशन आना।

उपाय – योग, ध्यान और हंसी-मजाक दिमाग का असली टॉनिक हैं। दोस्तों से मिलिए, हंसिए और हल्का माहौल बनाइए। तनाव भाग जाएगा और दिमाग फुल चार्ज हो जाएगा।

दिमाग को थकाने की वजह कोई बड़ी चीज़ नहीं होती, बल्कि हमारी ही छोटी-छोटी आदतें होती हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग हमेशा ताज़ा, खुश और एक्टिव रहे, तो ये दिमाग को थकाने वाली 7 आदतों से दूरी बना लीजिए। सोचिए, जब आपका दिमाग खुश रहेगा तो आपकी ज़िंदगी भी कितनी मज़ेदार हो जाएगी। आखिरकार, हंसता-खेलता दिमाग ही खुशहाल जिंदगी की चाबी है।

सकारात्मक सोच की ताकत: जीवन को बदलने का सरल और असरदार मंत्र

Exit mobile version