भारत की पाँच यूनिक मोटिवेशनल पर्सनैलिटीज़, जिनसे हमें सीखना चाहिए Hindi News, August 20, 2025August 22, 2025 भारत की मिट्टी हमेशा से ऐसे वीर और महान लोगों को जन्म देती रही है, जिन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से लाखों-करोड़ों दिलों को प्रेरित किया है। अक्सर हम बड़े-बड़े नामों को जानते हैं, लेकिन कुछ ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जो बहुत खास हैं और जिनसे हमें ज़िंदगी जीने का असली सबक मिलता है। आइए जानते हैं भारत की पाँच यूनिक पर्सनैलिटीज़ के बारे में, जो सिर्फ मोटिवेशन ही नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका भी सिखाती हैं। 1. अरुणिमा सिन्हा – हौसले की मिसाल साल 2011 में अरुणिमा सिन्हा का जीवन अचानक बदल गया, जब ट्रेन हादसे में उन्होंने अपना एक पैर खो दिया। आम इंसान होता तो शायद टूट जाता, लेकिन अरुणिमा ने हार मानने से इनकार किया। उन्होंने ठान लिया कि वे माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेंगी। कठिनाइयों और दर्द से जूझते हुए वे 2013 में एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दुनिया की पहली दिव्यांग महिला बनीं। आज अरुणिमा हर उस इंसान के लिए प्रेरणा हैं जो हालात से हार मान लेता है। उनकी कहानी बताती है कि शरीर से नहीं, बल्कि हिम्मत और जुनून से जीत होती है। 2. दादाभाई नौरोजी – भारत का ग्रैंड ओल्ड मैन दादाभाई नौरोजी को हम “भारत का ग्रैंड ओल्ड मैन” कहते हैं। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने ब्रिटिश संसद में जाकर भारत की आवाज़ बुलंद की। उन्होंने अंग्रेजों की शोषण नीति और “ड्रेन ऑफ वेल्थ” का सिद्धांत दुनिया के सामने रखा। नौरोजी जी ने साबित किया कि सच्ची देशभक्ति सिर्फ तलवार से नहीं, बल्कि कलम और दिमाग से भी दिखाई जा सकती है। वे भारतीय राजनीति और स्वतंत्रता आंदोलन के शुरुआती स्तंभ थे, जिन्होंने आने वाली पीढ़ियों को दिशा दी। 3. करमवीर भाऊराव पाटिल – शिक्षा के सच्चे सेवक महाराष्ट्र के करमवीर भाऊराव पाटिल का नाम शायद आम लोग कम जानते हों, लेकिन उन्होंने शिक्षा को गरीब और वंचित लोगों तक पहुँचाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने ‘रयत शिक्षण संस्था’ की स्थापना की, जिसने लाखों विद्यार्थियों को शिक्षा का अवसर दिया। उनकी सोच थी कि समाज में बराबरी तभी आ सकती है, जब हर कोई पढ़-लिखकर आगे बढ़े। आज भी उनकी संस्था हज़ारों बच्चों को शिक्षा दे रही है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि बदलाव किताबों से ही आता है। 4. पी.वी. सिंधु – खेलों की शान भारत की शटल क्वीन पी.वी. सिंधु आज हर युवा लड़की के लिए रोल मॉडल हैं। उन्होंने बैडमिंटन जैसे कठिन खेल में दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय खिलाड़ी भी किसी से कम नहीं। रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक जीतकर वे इतिहास रचने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। इसके बाद उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भी जीत हासिल की। सिंधु की सबसे बड़ी खासियत है उनका अनुशासन और मेहनत। उनका करियर युवाओं को यह संदेश देता है कि सपनों को पाना है तो लगातार मेहनत करनी होगी। 5. सुधा मूर्ति – सादगी और सेवा की मिसाल इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और प्रसिद्ध लेखिका सुधा मूर्ति का जीवन एकदम अलग और प्रेरणादायक है। इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने वाली वे अपने समय की पहली महिला थीं जिन्हें टाटा इंजीनियरिंग में नौकरी मिली। बाद में उन्होंने समाज सेवा को अपना जीवन बना लिया। साधारण जीवनशैली, सरल भाषा में लिखी गई किताबें और गरीबों के लिए समर्पण – यही उनकी पहचान है। सुधा मूर्ति दिखाती हैं कि असली महानता पैसे या पद में नहीं, बल्कि सेवा और सादगी में है। ये पाँचों पर्सनैलिटी अलग-अलग क्षेत्रों से हैं – कोई खिलाड़ी है, कोई समाजसेवी, कोई स्वतंत्रता सेनानी और कोई दिव्यांग पर्वतारोही। लेकिन इन सबकी कहानियों में एक चीज़ कॉमन है – हार न मानने का जज़्बा और दूसरों को प्रेरित करने का जज्बा। अगर हम अपने जीवन में इनकी सीखों को अपनाएँ तो शायद हम भी अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं। खगोल विज्ञान के 7 रहस्य जो आज तक नहीं सुलझ पाए – जानिए ब्रह्मांड की अनदेखी सच्चाईयाँ Facts Information News Article